LYRIC

सिय्योन के सफर में
मेरे मन व्याकुल न होना कभी
अब्राहम का प्रभु इसहाक का प्रभु
याकूब का प्रभु मेरे साथ है सदा

मुझे अब किसी बात की
कोई चिन्ता डर नहीं
जीवन की रोटी देके
वो चलाता कुशल से मुझे

दुनियाँ की नज़रों में मैं
भले मूर्ख ही जाना जाऊँ
लेकिन प्रभु की नजरों में मैं
सर्वश्रेष्ठ ही गिना जाऊ

किसी मनुष्य पर आश्रय नहीं
अब मेरा निश्चय यही
मेरा आसरा केवल यीशु ही
वो सनातन शरण मेरी

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