LYRIC

प्रभु यहोवा मुझमें है
आजकल उसका डेरा है
अपनी आग से मुझको वो
हरदम घेरे रहता है

विनती से बढ़कर, समझ से आगे
काम वो मुझमें करता है
उसका मेरे अंदर रहना
रहस्य है, रहस्य है

मेरा प्रभु यदि आँख है
तो मैं उसकी पुतली हूँ
जो कोई मुझके छूता है
उसकी पुतली छूता है

पराक्रमी है मेरा प्रभु
मुझको शस्त्र बनाता है
अपने धनुष का तीर बनाकर
शत्रु को गिराता है

मेरा प्रभुजी आ रहा
संतों को ले जाने को
अपने राज में हमें बिठाकर
शिरोमणी बनाने को

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