LYRIC

गिन गिन के स्तुति करूँ
बेशुमार तेरे दानों के लिए
अब तक तूने सम्भाला मुझे
अपनी बाहों में लिये हुऐ

तेरे शत्रु का निशाना
तुझ पर होगा न सफल
आँखों की पुतली जैसे
वो रखेगा तुझे हर पल

आधियाँ बन के आये
ज़िन्दगी के फिकर
कौन है तेरा खेवनहारा
है भरोसा तेरा किधर

आये तुझे जो मिटाने
वे शस्त्र होगें बे असर
तेरा रचनेवाला तुझ पर
रखता है अपनी नजर

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