LYRIC

तू ही दाता विशव विधाता
तेरी दुनिया सारी
तेरी दुनिया सारी
कैसा यह इंसान बनाया
शान तेरी है न्यारी
शान तेरी है न्यारी

ऊँचे पर्वत गहरे सागर
सूरज-चाँद सितारे
बादल आएँ मेह बरसायें
कुदरत की बलिहारी
कुदरत की बलिहारी
तू ही दाता विशव विधाता
तेरी दुनिया सारी
तेरी दुनिया सारी

हम दो होसन्ना
हम मिल गाएँ
तेरा शुक्र करें
बुलबुल गाये झूमे डाली
नाचे धरती सारी
नाचे धरती सारी
तू ही दाता विशव विधाता
तेरी दुनिया सारी
तेरी दुनिया सारी

हाथों को जोडे
दिल को खोलें
आए हैं शरण तेरी
पापों को प्यरे
प्रभु शमा कर
जान मेरी ये पुकारे
जान मेरी ये पुकारे
तू ही दाता विशव विधाता
तेरी दुनिया सारी
तेरी दुनिया सारी

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