LYRIC

प्रभु का कर धन्यवाद
हे मेरे मन प्रभु का कर धन्यवाद

प्रभु के पावन नाम का कर धन्यवाद
उसके उपकारों के लिए कर धन्यवाद

तेरे पापों को प्रभु ने क्षमा की
रोग तेरे दूर किए और दी चंगाई

भलाइयों से तृप्त वो करता
तेरी जवानी में शक्ति वो देता

अपने सन्तानों पर करता है वो दया
भक्तों को अपने प्रेम वो करता

घास के समान है हमारा ये जीवन
मैदान के फूल समान मुर्झा जाते

प्रभु के वचन का पालन जो करते
अपने दासों की रक्षा वो करता

अनंत राजा प्रभु है जिसकी
सारी सृष्टि नित दिन स्तुति करती

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