LYRIC

उपकार की भेंट अपनी़
प्रभु को चढ़ाना है

जो भी हमारा प्रभु का सारा़
जिसका उसको देना है
भण्डारी हम प्रभु के जग में
दसवां ही लौटाना है
प्रभु को

ख्रीष्ट यीशु ने स्वर्ग को त्यागा़
हम को प्रेम दिखाना है़
हिस्सा दो प्रभु को जो कुछ हो़
निज भेंटे भी लाना है
प्रभु को

ईश्वर की है कृपा भारी़
हमको धन्य मनाना है
सारा जीवन दे दो प्रभु को़
तब आशिषें पाना है
प्रभु को

Added by

admin

SHARE

Your email address will not be published. Required fields are marked *